HOME
FACEBOOK
My YouTube Channel
मेरी पुस्तकें
मेरे बारे में
चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
मंगलवार, मई 21, 2013
सपनों की उड़ान
तब बे ' मानी हो जाती है
सपनों की उड़ान
जब इनका जमीं से कोई वास्ता नहीं होता ।
***********
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें