रविवार, दिसंबर 28, 2014

ज़िंदगी दाँव पर लगानी है

ख़ूबसूरत बनी कहानी है
चढ़ गई आग-सी जवानी है ।

मैं जुबां पर यकीं न कर पाऊँ
बात दिल की उसे बतानी है ।
इश्क़ ही हल मिला मुझे इसका
ज़िन्दगी दाँव पर लगानी है ।

प्यार बरसे दुआ यही माँगी
नफ़रतों की अगन बुझानी है ।

आँख के सामने उसे पाया
जब किया इश्क़, याद आनी है ।

बस हमें सीखना इसे जीना
ज़िन्दगी तो बड़ी सुहानी है ।

मारना सीख लें अहम् अपना
' विर्क ' दीवार जो गिरानी है ।

दिलबाग विर्क
* * * * *

7 टिप्‍पणियां:

Malhotra vimmi ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना

अभिषेक मिश्र ने कहा…

सुंदर कविता...

संजय भास्‍कर ने कहा…

उम्मीद जगाती पंक्तियाँ..नये वर्ष की शुभकामनायें..

Meena Pathak ने कहा…

बहुत सुन्दर ....नव वर्ष मंगलमय हो

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति।
--
नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

कविता रावत ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
कविता रावत ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति
आपको नए साल की हार्दिक मंगलकामनाएं!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...