ख़ूबसूरत बनी कहानी है
चढ़ गई आग-सी जवानी है ।
मैं जुबां पर यकीं न कर पाऊँ
बात दिल की उसे बतानी है ।
इश्क़ ही हल मिला मुझे इसका
ज़िन्दगी दाँव पर लगानी है ।
प्यार बरसे दुआ यही माँगी
नफ़रतों की अगन बुझानी है ।
आँख के सामने उसे पाया
जब किया इश्क़, याद आनी है ।
बस हमें सीखना इसे जीना
ज़िन्दगी तो बड़ी सुहानी है ।
मारना सीख लें अहम् अपना
' विर्क ' दीवार जो गिरानी है ।
दिलबाग विर्क
* * * * *
7 टिप्पणियां:
बहुत ही खूबसूरत रचना
सुंदर कविता...
उम्मीद जगाती पंक्तियाँ..नये वर्ष की शुभकामनायें..
बहुत सुन्दर ....नव वर्ष मंगलमय हो
सार्थक प्रस्तुति।
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नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति
आपको नए साल की हार्दिक मंगलकामनाएं!
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