इस दुनिया से नफरतें मिटाने का काम मिला
दिल की सदा सुनी जब, मुहब्बत का पैगाम मिला ।
अनजाने में चलती रही उंगलियाँ रेत पर
उकेरे हुए हर्फ देखे तो तेरा नाम मिला ।
अमनो-चैन की जिन्दगी कैसे मुमकिन होगी
कोई शोहरत, कोई दौलत का गुलाम मिला ।
दाद देनी होगी इस राह के मुसाफिरों को
प्यार के सफर में अक्सर अश्कों का ईनाम मिला ।
कुछ समझ नहीं आता ये कैसी जुम्हूरियत है
हुक्मरान सोए मिले, दहशतजदा अवाम मिला ।
पागल हो ' विर्क ' किस जहां की बात करते हो
इस जमाने की गलियों में इश्क बदनाम मिला ।
दिलबाग विर्क
*****
जुम्हूरियत ----- प्रजातंत्र
********
दिल की सदा सुनी जब, मुहब्बत का पैगाम मिला ।
अनजाने में चलती रही उंगलियाँ रेत पर
उकेरे हुए हर्फ देखे तो तेरा नाम मिला ।
अमनो-चैन की जिन्दगी कैसे मुमकिन होगी
कोई शोहरत, कोई दौलत का गुलाम मिला ।
दाद देनी होगी इस राह के मुसाफिरों को
प्यार के सफर में अक्सर अश्कों का ईनाम मिला ।
कुछ समझ नहीं आता ये कैसी जुम्हूरियत है
हुक्मरान सोए मिले, दहशतजदा अवाम मिला ।
पागल हो ' विर्क ' किस जहां की बात करते हो
इस जमाने की गलियों में इश्क बदनाम मिला ।
दिलबाग विर्क
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जुम्हूरियत ----- प्रजातंत्र
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर!
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