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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
रविवार, जुलाई 07, 2013
मैखाने चल
दिल के जख्मों का होता है वहीँ ईलाज
घर का रास्ता छोड़कर
चल मैखाने चल
।
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4 टिप्पणियां:
दिगम्बर नासवा
ने कहा…
क्या बात है ... बहुत खूब ...
जुलाई 07, 2013 5:51 pm
Kailash Sharma
ने कहा…
बहुत खूब!
जुलाई 07, 2013 7:04 pm
Anju (Anu) Chaudhary
ने कहा…
बहुत खूब
जुलाई 07, 2013 8:24 pm
Mahesh Barmate "Maahi"
ने कहा…
bahut khoob :)
अगस्त 12, 2013 11:55 pm
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क्या बात है ... बहुत खूब ...
बहुत खूब!
बहुत खूब
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