शनिवार, अप्रैल 19, 2014

पुस्तक - चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़

वर्ष 2005 में मेरा ग़ज़लनुमा कविताओं का संग्रह प्रकाशित हुआ था , मैं इसे PDF FILE के रूप में यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ  | आशा है आप इसे पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया देंगे ।

4 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बधायी हो।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (21-04-2014) को "गल्तियों से आपके पाठक रूठ जायेंगे" (चर्चा मंच-1589) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

संजय भास्‍कर ने कहा…

आनंद आ गया

virendra sharma ने कहा…

कीमती एहसास सजाये हैं पुस्तक में गज़लनुमा कवियताएं बेहतरीन प्रस्तुति।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर...बधाई

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