दिल
में कोई गलतफहमी है तो सवाल
कर
तेरी
महफ़िल में आया हूँ,
कुछ
तो ख्याल कर |
मिल
बैठकर सुलझाएगा तो सुलझ जाएँगे
मुद्दे
न
लगा चुप का ताला ,
बातचीत
बहाल कर |
सोच
तो सही तेरे दर के सिवा कहाँ
जाऊँगा
तेरा
दीवाना हूँ , न
मुझे यूँ बेहाल कर |
मैं
पश्चाताप करूंगा बीते दिनों
के लिए
अपनी
गलतियों का तू भी मलाल कर
|
कोशिश
है मेरी '
विर्क
'
तेरा
साथ देने की
तोड़
दे नफरत की दीवार,
आ ये
कमाल कर |
1 टिप्पणी:
सुंदर.
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