शुक्रवार, अप्रैल 25, 2014

बातचीत बहाल कर

दिल में कोई गलतफहमी है तो सवाल कर
तेरी महफ़िल में आया हूँ, कुछ तो ख्याल कर |

मिल बैठकर सुलझाएगा तो सुलझ जाएँगे मुद्दे
न लगा चुप का ताला , बातचीत बहाल कर |

सोच तो सही तेरे दर के सिवा कहाँ जाऊँगा
तेरा दीवाना हूँ , न मुझे यूँ बेहाल कर |

मैं पश्चाताप करूंगा बीते दिनों के लिए
अपनी गलतियों का तू भी मलाल कर |

कोशिश है मेरी ' विर्क ' तेरा साथ देने की
तोड़ दे नफरत की दीवार, आ ये कमाल कर

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...